Gold Latest Price: वर्ष 2025 की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में जो तेजी देखी जा रही है, वह वास्तव में अभूतपूर्व है। पिछले पांच से छह महीनों में सोने ने लगभग 34 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है, जो किसी भी निवेश के लिए एक असाधारण प्रदर्शन माना जाता है। जनवरी 2025 में जो सोना 75 हजार रुपये प्रति तोला के आसपास मिलता था, वह अब एक लाख रुपये के पार जा पहुंचा है। यह वृद्धि न केवल निवेशकों के लिए खुशी की बात है बल्कि आम खरीदारों के लिए चिंता का विषय भी बन गई है। सोने की इस तेजी ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इसे अब आम आदमी की पहुंच से बाहर का निवेश माना जाने लगा है।
अप्रैल महीने में जब सोने ने पहली बार एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छुआ था, तब सभी को लगा था कि यह एक अस्थायी उछाल है। लेकिन उसके बाद भी सोने की कीमतों में स्थिरता बनी रही और यह लगातार ऊंचे स्तर पर कारोबार करता रहा। इस तेजी के कारण त्योहारी खरीदारी करने वाले परिवारों और नवविवाहित जोड़ों के लिए सोना खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है। निवेशकों के लिए यह समय खुशी का है लेकिन उपभोक्ताओं के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है।
आज के बाजार में सोने की स्थिति
सोमवार को सोने की कीमतों में कुछ राहत देखने को मिली है। राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.9 प्रतिशत प्योरिटी वाले सोने में 170 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है और अब यह 101370 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह 99.5 प्रतिशत प्योरिटी वाला सोना 150 रुपये सस्ता होकर 100550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, पिछले सप्ताह शुक्रवार को सोने में 2200 रुपये की तेजी के साथ यह 101540 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
यह गिरावट भले ही खरीदारों के लिए कुछ राहत की सांस लेकर आई हो, लेकिन फिर भी सोना ऐतिहासिक ऊंचाई पर ही कारोबार कर रहा है। आज की कीमतें भी सभी टैक्स सहित हैं, जिसका मतलब है कि वास्तविक खरीदारी में और भी अधिक राशि चुकानी पड़ सकती है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कमजोरी के कारण भारतीय बाजार में भी यह गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और सोने की मूलभूत मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है।
चांदी की कीमतों में भारी गिरावट
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी आज उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। चांदी में 1000 रुपये की बड़ी गिरावट के साथ यह 107100 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है। पिछले हफ्ते शुक्रवार को चांदी 1100 रुपये महंगी होकर 108100 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी। चांदी में यह गिरावट सोने से भी अधिक है, जो दर्शाता है कि औद्योगिक धातुओं में निवेशकों का रुझान कम हो रहा है। चांदी की कीमतों में यह उतार-चढ़ाव इसकी औद्योगिक मांग और निवेश मांग दोनों को प्रभावित करता है।
चांदी का उपयोग न केवल आभूषण बनाने में होता है बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी इसकी व्यापक मांग है। इसलिए इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव व्यापक होता है। आज की गिरावट के बावजूद चांदी अभी भी ऊंचे स्तर पर कारोबार कर रही है। निवेशकों के लिए यह गिरावट एक खरीदारी का अवसर हो सकती है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं।
बाजार विशेषज्ञों की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी के अनुसार, भारत-अमेरिका और अमेरिका-यूरो क्षेत्र के बीच संभावित व्यापार सौदों की रिपोर्ट आने के बाद सोने के निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है। इसके कारण सोना 99800 रुपये के आसपास एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। व्यापारिक समझौतों की संभावना से डॉलर मजबूत हो रहा है, जिसका सीधा प्रभाव सोने की कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर मजबूत होता है तो सोना महंगा हो जाता है क्योंकि अधिकांश देश डॉलर में सोना खरीदते हैं।
अबान्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता का मानना है कि सोने के भाव में थोड़ी गिरावट आने के बावजूद यह अभी भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है। उनके अनुसार इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण निवेशकों का ध्यान एक बार फिर सुरक्षित संपत्तियों की ओर गया है। भू-राजनीतिक तनाव के समय में सोना पारंपरिक रूप से एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। यही कारण है कि वैश्विक अनिश्चितता के दौर में सोने की मांग बढ़ जाती है।
भविष्य की संभावनाएं और फेड की नीति
कोटक सिक्योरिटीज में सहायक उपाध्यक्ष कायनात चैनवाला के अनुसार, निवेशक इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के फैसलों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक के आर्थिक अनुमान आने वाले महीनों में संभावित ब्याज दरों में कटौती के बारे में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन देंगे। यदि फेड ब्याज दरों में कटौती करता है तो सोने की कीमतों में और भी तेजी आ सकती है। कम ब्याज दरों के कारण निवेशकों का रुझान सोने जैसी गैर-उत्पादक संपत्तियों की ओर बढ़ जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना 13.23 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2419.41 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है। यह गिरावट वैश्विक आर्थिक संकेतकों और केंद्रीय बैंकों की नीतियों के कारण है। हालांकि, दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सोने की मांग मजबूत बनी रहने की संभावना है। मुद्रास्फीति की चिंताएं, भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता जैसे कारक सोने को एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाए रखते हैं।
निवेशकों और खरीदारों के लिए सुझाव
वर्तमान स्थिति में निवेशकों और खरीदारों दोनों को सावधानी से काम लेना चाहिए। जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बनानी चाहिए। एकमुश्त निवेश के बजाय SIP के माध्यम से चरणबद्ध निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इससे बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम हो जाता है और औसत खरीदारी लागत भी कम रहती है। व्यावहारिक खरीदारों के लिए यह समय थोड़ा इंतजार करने का हो सकता है, विशेषकर यदि उनकी खरीदारी तत्काल आवश्यक नहीं है।
फिजिकल गोल्ड के बजाय गोल्ड ETF या डिजिटल गोल्ड में निवेश करना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे स्टोरेज की समस्या नहीं होती और तरलता भी बेहतर होती है। जो लोग पहले से ही सोने में निवेश कर चुके हैं, वे इस तेजी का फायदा उठाकर अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने पर विचार कर सकते हैं। बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, धैर्य और अनुशासित निवेश रणनीति अपनाना सबसे बुद्धिमानी की बात होगी।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। सोने और चांदी की कीमतें बाजार की स्थितियों के अनुसार तेजी से बदल सकती हैं। निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। पिछला प्रदर्शन भविष्य के परिणामों की गारंटी नहीं है। लेखक या प्रकाशक किसी भी वित्तीय हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।