18 महीने के बकाया DA Arrears पर आया बड़ा अपडेट, केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेंगे 2.20 लाख Dearness Allowance

By Meera Sharma

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Dearness Allowance

Dearness Allowance: मार्च 2025 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महंगाई भत्ता (DA) में वृद्धि की है। सरकार ने जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत से बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया है, जिससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को राहत मिली है। अगली महंगाई भत्ता वृद्धि जुलाई 2025 से प्रभावी होने की उम्मीद है और इसकी घोषणा दिवाली के आसपास होने की संभावना है। यह निरंतर वृद्धि कर्मचारियों की बढ़ती महंगाई से निपटने में सहायक होगी और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में योगदान देगी।

वर्तमान समय में केंद्रीय कर्मचारी न केवल नियमित महंगाई भत्ते का लाभ उठा रहे हैं बल्कि भविष्य में होने वाली वृद्धि की भी प्रतीक्षा कर रहे हैं। सरकार की यह नीति महंगाई की दर के अनुपात में कर्मचारियों के वेतन को संतुलित रखने के लिए बनाई गई है। महंगाई भत्ता वृद्धि का यह क्रम कर्मचारियों की खरीदारी की शक्ति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार समय-समय पर इस भत्ते की समीक्षा करके आवश्यक संशोधन करती रहती है।

कोरोना काल के दौरान रोके गए DA Arrears की मांग

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हाल ही में दिल्ली में सिविल सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट (CSOI) में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में कोरोना महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ता बकाया की मांग को लेकर गंभीर चर्चा हुई है। यह बकाया जुलाई 2020 से जनवरी 2021 तक की अवधि का है, जब सरकार ने महामारी के कारण DA वृद्धि पर रोक लगाई थी। इस बैठक में सचिव की अध्यक्षता में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। कर्मचारी संगठन के वरिष्ठ नेता शिवगोपाल मिश्रा और एम. राघवैया जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने इस बैठक में सक्रिय भागीदारी निभाई।

कर्मचारी संगठनों का स्पष्ट मत है कि यह बकाया राशि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का वैध अधिकार है और सरकार को इसका जल्द भुगतान करना चाहिए। महामारी के दौरान आर्थिक कठिनाइयों के कारण यह निर्णय लिया गया था, लेकिन अब जब स्थिति सामान्य हो गई है तो इस बकाए का भुगतान करना न्यायसंगत है। कर्मचारी प्रतिनिधियों का तर्क है कि यह राशि उनके जीवन यापन की बुनियादी आवश्यकताओं से जुड़ी है और इसमें और देरी उचित नहीं होगी।

विभिन्न स्तरों पर मिलने वाले DA Arrears की गणना

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18 महीने के महंगाई भत्ता बकाया की गणना के अनुसार अलग-अलग स्तर के कर्मचारियों को अलग-अलग राशि मिलने की संभावना है। नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के शिवगोपाल मिश्रा के अनुसार लेवल-1 के कर्मचारियों को 11,880 रुपए से लेकर 37,554 रुपए तक का बकाया मिल सकता है। यह गणना मूल वेतन के आधार पर की गई है और यह दर्शाती है कि निचले स्तर के कर्मचारियों को भी उचित राशि का लाभ मिलेगा। जिन कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपए है उन्हें तीन महीने के हिसाब से 11,880 रुपए का बकाया मिल सकता है। यह राशि 4,320 + 3,240 + 4,320 रुपए के हिसाब से बनती है।

मध्यम स्तर के कर्मचारियों के लिए भी आकर्षक राशि निर्धारित की गई है। जिन कर्मचारियों का मूल वेतन 56,000 रुपए है उन्हें तीन महीने के लिए 37,554 रुपए का भुगतान किया जाना है। यह राशि 13,656 + 10,242 + 13,656 रुपए के रूप में विभाजित है। उच्च स्तरीय अधिकारियों के लिए यह राशि और भी अधिक है। लेवल-13 और लेवल-14 के अधिकारियों को 1,44,200 रुपए से लेकर 2,18,200 रुपए तक का महंगाई भत्ता बकाया मिल सकता है। यह गणना सातवें वेतन आयोग के मूल वेतन स्केल के अनुसार की गई है।

उच्च स्तरीय अधिकारियों के लिए बकाया राशि

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लेवल-13 के अधिकारियों के लिए निर्धारित बकाया राशि विशेष रूप से उल्लेखनीय है। सातवें वेतन आयोग के अनुसार इस स्तर का मूल वेतन स्केल 1,23,100 रुपए से 2,15,900 रुपए के बीच है। इस स्तर के अधिकारियों को 18 महीने के महंगाई भत्ता बकाया के रूप में 1,44,200 रुपए से 2,18,200 रुपए तक की राशि मिल सकती है। यह राशि उनके वेतन स्तर और महंगाई भत्ते की दर के अनुपात में निर्धारित की गई है। लेवल-14 के अधिकारियों के लिए भी समान गणना के आधार पर राशि निर्धारित की गई है।

इस बकाया राशि का भुगतान उच्च स्तरीय अधिकारियों की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार लाएगा। यह राशि न केवल उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगी बल्कि उनकी बचत और निवेश की क्षमता भी बढ़ाएगी। सरकारी सेवा में कार्यरत इन अधिकारियों के लिए यह राशि एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता के रूप में काम करेगी। उच्च पदों पर काम करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारियां भी अधिक होती हैं और यह बकाया राशि उनके योगदान की उचित पहचान है।

आठवें वेतन आयोग और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे

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सिविल सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट की बैठक में महंगाई भत्ता बकाया के अलावा आठवें वेतन आयोग के गठन पर भी विस्तृत चर्चा की गई। कर्मचारी प्रतिनिधियों ने सरकार से अनुरोध किया है कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की जल्द नियुक्ति की जाए और टर्म्स ऑफ रेफरेंस जारी किया जाए। कर्मचारियों की उम्मीद है कि नए वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी। यदि इसके कार्यान्वयन में कोई देरी होती है तो बकाया राशि के साथ भुगतान किया जाना चाहिए।

बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बीमा योजना (CGEGIS) पर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई। डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर ने बताया कि इस योजना के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया गया है और जल्द ही इसे कर्मचारी पक्ष के साथ साझा किया जाएगा। यह बीमा योजना कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इन सभी मुद्दों पर चर्चा से यह स्पष्ट होता है कि सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए व्यापक योजना बना रही है।

भविष्य की संभावनाएं और कर्मचारियों की उम्मीदें

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केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने के महंगाई भत्ता बकाया का मुद्दा अब चर्चा के केंद्र में है और इसके जल्द समाधान की उम्मीदें बढ़ रही हैं। कर्मचारी संगठनों की निरंतर मांग और सरकार के साथ नियमित बातचीत से इस मुद्दे के सकारात्मक समाधान की संभावना दिखाई दे रही है। सरकार की वर्तमान नीतियों और कर्मचारी कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि यह बकाया जल्द ही मंजूर हो जाएगा। कर्मचारियों के लिए यह न केवल आर्थिक राहत लेकर आएगा बल्कि उनके मनोबल में भी वृद्धि करेगा।

आने वाले समय में सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह न केवल इस बकाया राशि का भुगतान करेगी बल्कि भविष्य में इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए उचित व्यवस्था भी करेगी। कर्मचारियों की मांग है कि महंगाई भत्ते में नियमित वृद्धि की जाए और किसी भी आपातकालीन स्थिति में भी इसमें रोक न लगाई जाए। यह मुद्दा न केवल वर्तमान कर्मचारियों के लिए बल्कि भावी कर्मचारियों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सरकारी सेवा की विश्वसनीयता को बनाए रखता है।

Disclaimer

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यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और कर्मचारी संगठनों की मांगों के आधार पर प्रस्तुत की गई है। केंद्रीय कर्मचारियों के DA Arrears के संबंध में अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा। वास्तविक राशि और भुगतान की तारीख सरकारी अधिसूचना के बाद ही निश्चित होगी। सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी स्रोतों की पुष्टि करें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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