Loan EMI Bounce: आज के समय में लोन लेना आम बात हो गई है चाहे वह घर खरीदने के लिए हो, कार के लिए हो या कोई पर्सनल इमरजेंसी हो। लेकिन कभी-कभी अचानक आई वित्तीय समस्याओं के कारण EMI चुकाना मुश्किल हो जाता है और EMI बाउंस हो जाती है। जब आपके बैंक खाते में पर्याप्त राशि नहीं होती तो EMI कट नहीं पाती और यह बाउंस हो जाती है। इसका सबसे गंभीर परिणाम यह होता है कि आपका CIBIL स्कोर खराब हो जाता है जो भविष्य में लोन लेने में बड़ी बाधा बन सकता है। CIBIL स्कोर आपकी वित्तीय साख का सबसे महत्वपूर्ण पैमाना है और इसका खराब होना आपकी आर्थिक स्थिति पर लंबे समय तक नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
EMI बाउंस होने से न केवल आपका CIBIL स्कोर प्रभावित होता है बल्कि बैंक की तरफ से पेनल्टी भी लगती है। यह पेनल्टी आमतौर पर 500 से 1000 रुपये तक हो सकती है और कुछ मामलों में यह EMI की राशि के अनुपात में भी हो सकती है। इसके अलावा बार-बार EMI बाउंस होने से बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर सकता है जिसका मतलब है कि भविष्य में आपको कोई भी बैंक आसानी से लोन नहीं देगा। इसलिए EMI बाउंस होने पर तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है।
पहला उपाय: बैंक से तत्काल संपर्क करें
EMI बाउंस होने पर सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है कि आप तुरंत अपने बैंक जाकर बैंक मैनेजर से मिलें। घर बैठकर समस्या को नजरअंदाज करना या हाथ पर हाथ धरकर बैठना सबसे बड़ी गलती हो सकती है। जितनी जल्दी आप बैंक पहुंचकर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे उतना ही बेहतर होगा। बैंक मैनेजर से ईमानदारी से बात करें और अपनी वित्तीय कठिनाई का कारण बताएं। यह स्पष्ट करें कि आपने जानबूझकर EMI नहीं छोड़ी है बल्कि यह परिस्थितियों के कारण हुआ है। अपने पिछले भुगतान के अच्छे रिकॉर्ड का उल्लेख करें और यह आश्वासन दें कि भविष्य में आप समय पर EMI का भुगतान करेंगे।
बैंक मैनेजर से बातचीत करते समय अपनी परेशानी को विस्तार से समझाएं और यह बताएं कि आप जल्द से जल्द पेंडिंग EMI का भुगतान कर देंगे। कई बार बैंक मैनेजर आपकी अच्छी भुगतान हिस्ट्री को देखते हुए पेनल्टी माफ कर देते हैं या कम कर देते हैं। यदि आपका CIBIL स्कोर अभी तक अच्छा है तो इसका फायदा उठाएं और बैंक को यह समझाने की कोशिश करें कि यह एक अस्थायी समस्या है। व्यक्तिगत संपर्क और ईमानदार बातचीत कई बार कानूनी कार्रवाई से ज्यादा प्रभावी होती है।
दूसरा उपाय: तीसरी EMI मिस होने से बचें
यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि बैंक हर तीन महीने में ग्राहकों की CIBIL रिपोर्ट तैयार करके क्रेडिट ब्यूरो को भेजते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि आपकी लगातार तीन EMI मिस हो जाती हैं तो आपका CIBIL स्कोर निश्चित रूप से खराब हो जाएगा। इसलिए किसी भी हाल में तीसरी EMI मिस होने से बचना चाहिए। यदि आपकी पहली या दूसरी EMI बाउंस हो गई है तो तुरंत कार्रवाई करके तीसरी EMI का भुगतान करने की व्यवस्था करें। इसके लिए आप परिवार या दोस्तों से पैसे उधार ले सकते हैं या कोई छोटा पर्सनल लोन भी ले सकते हैं।
यदि तीसरी EMI का भुगतान करना भी मुश्किल हो तो कम से कम बैंक को यह आश्वासन दें कि आप जल्द ही सभी पेंडिंग EMI का भुगतान कर देंगे। बैंक को अपनी आय के स्रोत और पैसे की व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताएं। कुछ मामलों में बैंक तीसरी EMI की रिपोर्ट भेजने में देरी कर देते हैं यदि उन्हें लगता है कि ग्राहक ईमानदार है और जल्द भुगतान कर देगा। इसके लिए आपको बैंक मैनेजर से अच्छे संबंध बनाकर रखने होंगे और नियमित संपर्क में रहना होगा।
तीसरा उपाय: EMI होल्ड का विकल्प चुनें
EMI होल्ड एक बेहतरीन सुविधा है जो कई बैंक अपने ग्राहकों को प्रदान करते हैं। यह विकल्प उस स्थिति में बहुत उपयोगी है जब आपके पास तत्काल पैसे नहीं हैं लेकिन आपको पता है कि कुछ दिनों या हफ्तों बाद पैसे आ जाएंगे। EMI होल्ड के लिए आवेदन करके आप अपनी EMI को कुछ समय के लिए रोक सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक मैनेजर से मिलकर एक आवेदन देना होता है जिसमें आपको अपनी वित्तीय कठिनाई का कारण और पैसे आने की संभावित तारीख बतानी होती है। बैंक आपकी पिछली भुगतान हिस्ट्री देखकर इस सुविधा को मंजूर कर सकता है।
EMI होल्ड कराते समय यह जरूर बताएं कि आपके पास पैसे का इंतजाम कैसे और कब तक हो जाएगा। यदि आपकी सैलरी में देरी है, बोनस आना है या कोई निवेश मैच्योर होने वाला है तो इसकी जानकारी बैंक को दें। EMI होल्ड की अवधि आमतौर पर 30 से 90 दिन तक हो सकती है। इस दौरान आपका CIBIL स्कोर प्रभावित नहीं होता क्योंकि यह एक आधिकारिक व्यवस्था है। हालांकि होल्ड अवधि के दौरान ब्याज लगता रहता है जो बाद में मूल राशि में जुड़ जाता है।
चौथा उपाय: एरियर EMI का विकल्प अपनाएं
अधिकांश लोग नहीं जानते कि EMI भुगतान के दो तरीके होते हैं – एडवांस EMI और एरियर EMI। एडवांस EMI में आपको महीने की शुरुआत में EMI का भुगतान करना होता है जबकि एरियर EMI में आप महीने के अंत में भुगतान कर सकते हैं। यदि आपकी सैलरी महीने के अंत में आती है या आपकी आय का मुख्य स्रोत महीने के अंत में मिलता है तो एरियर EMI का विकल्प आपके लिए बेहतर हो सकता है। इसके लिए आपको बैंक में आवेदन देकर अपनी EMI को एडवांस से एरियर में बदलवाना होगा। यह परिवर्तन लोन की अवधि के दौरान किसी भी समय किया जा सकता है।
एरियर EMI का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको EMI बाउंस होने की समस्या से छुटकारा मिल जाता है। जब आपके पास महीने के अंत तक पैसे आने का समय होता है तो EMI का भुगतान करना आसान हो जाता है। हालांकि एरियर EMI में थोड़ा अधिक ब्याज लग सकता है क्योंकि पूरे महीने के लिए मूल राशि बनी रहती है। फिर भी यह EMI बाउंस होने और CIBIL स्कोर खराब होने से बेहतर विकल्प है। इस सुविधा का लाभ उठाकर आप अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।
भविष्य की सावधानियां और सुझाव
EMI बाउंस की समस्या से बचने के लिए भविष्य में कुछ सावधानियां रखना जरूरी है। सबसे पहले अपने बैंक खाते में हमेशा EMI की राशि से अधिक बैलेंस रखें ताकि किसी भी स्थिति में EMI कट सके। अपनी मासिक आय और खर्च का हिसाब रखें और EMI की तारीख से पहले ही पैसों की व्यवस्था कर लें। यदि संभव हो तो अपनी EMI को अपनी सैलरी खाते से ऑटो डेबिट कराएं ताकि भूलने की संभावना न रहे। नियमित रूप से अपने CIBIL स्कोर की जांच करते रहें और किसी भी गलत जानकारी की तुरंत शिकायत करें। आपातकालीन स्थिति के लिए एक इमरजेंसी फंड भी बनाकर रखें जो कम से कम 6 महीने की EMI के बराबर हो।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। लोन और CIBIL स्कोर से संबंधित नियम अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं। कृपया अपनी विशिष्ट स्थिति के लिए अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। यह लेख पेशेवर वित्तीय सलाह का विकल्प नहीं है और व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई करें।